सम्राट अशोक के जन्मोत्सव पर सभी प्रांतों के शासक आए थे। सम्राट ने घोषणा की कि आज के शुभ अवसर पर सर्वश्रेष्ठ शासक को पुरस्कार दिया जायेगा। सभी अपना-अपना विवरण दें। उत्तरी सीमांत का शासक बोला - ”महाराज! इस वर्ष मेरे क्षेत्र की आय में चार गुना इजाफा हुआ है।” दक्षिण प्रांत प्रमुख ने कहा-”दोगुना स्वर्ण मैंने एकत्र कर लिया है।” सीमांत के शासक ने बताया मैंने सारे उपद्रवियों का सफाया कर दिया है। अब कोई सिर नहीं उठा सकता।” अब बारी थी मगध के शासक की। उसने कहा-”इस वर्ष राजन्! मैं आधा धन ही जमा कर पाया हूँ। मैंने राजसेवकों को कुछ सुविधाएं दी हैं, क्योंकि वे निष्ठापूर्वक परिश्रम करते हैं। कुछ कर भी घटा दिए हैं। कुछ चिकित्सालय, पाठशालाएँ भी खोलने का विचार है।” राजा अशोक उठ खड़े हुए और बोले कि सर्वश्रेष्ठ मगध के शासक हैं। मैं प्रजा को जैसा रखना चाहता हूँ, वैसा ही वह कर रहे हैं।