दो भाइयों में बहस छिड़ गई कि दुनिया में सबसे शक्तिशाली क्या है ? अपनी समस्या का निराकरण कराने वे अपने पिता के पास पहुंचे। सब सुनकर पिताजी बोले- ”दोनों बिलकुल गधे हो। फालतू की बातों में अपना और मेरा समय जाया कर रहे हो।” अपना अपमान सुन दोनों तिलमिलाए पर मर्यादावश कुछ बोल नहीं पाए। थोड़े समय पश्चात पिताजी पुनः बोले- ”तुम दोनों कितने बुद्धिमान हो। अपना खाली समय जीवन के गूढ़ विषयों के प्रतिपादन में गुजारते हो। मुझे तुम दोनों पर बड़ा गर्व है।” अपनी प्रशंसा सुन दोनों के चेहरे खिल उठे। यह देख उनके पिताजी बोले-”पुत्रों दुनिया में सबसे शक्तिशाली मनुष्य की वाणी है। यह बिना हथियार उठाए क्रांति करा सकती है और बिना परिश्रम करे शांति भी। जीवन में इसका हमेशा सदुपयोग करना।”