विजन


श्री आदि शंकराचार्य जी ने सनातन संस्कृति एव विश्व कल्याण के लिए अल्प जीवन में जो कार्य किया है वह साधारण मनुष्य को समझने के लिए एक से अधिक जीवन की आवश्यकता है। यदि श्री आदि शंकराचार्य जी का अवतार न होता तो शायद सनातन धर्म, सनातन संस्कृति एवं इसके आदर्श अब तक विश्व की अन्य सभ्यताओं की तरह विलुप्त हो चुका होता। यह श्री आदि शंकराचार्य जी ही थे जिन्होंने सनातन धर्म, सनातन संस्कृति एवं इसके आदर्श को न केवल जीवित रखा बल्कि संगठित किया और अब सनातन धर्म, एवं सनातन संस्कृति एवं इसके आदर्श को विश्व से परिचित कराना आवश्यक हो जाता है जिससे सम्पूर्ण विश्व का कल्याण हो।

सनातन धर्म का इतिहास आदर्शों का इतिहास है। आदर्शो से जीना संभव है यह केवल सनातन धर्म ही विश्व को बता सकता है। सनातन धर्म विश्व का प्राचीनतम धर्म होने के साथ-साथ बहुत ही वैज्ञानिक है। आवश्यकता इस बात की है कि ऐसे जीवन मूल्य के श्रेष्ठतम् संस्कृति से विश्व पटल को अवगत कराया जाय। इस प्रयास को मूर्तरूप देने में जिस भी स्तर से सहायता, सहयोग, मार्गदर्शन एवं प्रेरणा मिली ईश्वर के साथ उन सभी देवियों एवं सज्जनों को भी सादर प्रणाम।