मिशन


आज विश्व में जहाँ चारो तरफ आतंकवाद, प्रतिरोध, ईष्र्या, वैमनस्य, घृणा, अहंकार, युद्ध, जैसे नकारात्मक भाव का बोल-बाला है तो विस्तृत चिंतन करने के बाद ऐसा महसूस हुआ कि सनातन धर्म जिसके बाहक हिंदू समाज है सिर्फ एक मात्र धर्म है जो सम्पूर्ण विश्व को एक परिवार मानने की प्रेरण देता है ‘‘वसुधेैव कुटुम्बकम्‘‘ (The whole world is one family) । अगर हम एक परिवार हैं तो आपस में प्रतिस्पर्धा एवं वैमनस्य क्यों ? यह सम्पूर्ण विश्व के बुद्धजीवियों के लिए एक विचारणीय प्रश्न है। सनातन धर्म दुनिया का सबसे पुराना धर्म है और इसके सिद्धांतो में दुनिया को एक परिवार के रूप में बदलने की क्षमता है जहाँ सद्भाव, प्रेम, सौहार्द, दया, करूणा क्षमा द्वारा विश्व बन्धुत्व की स्थापना करना विश्व जिससे शान्ति, सुख समृद्धि की तरफ अग्रसर हो सके एवं जीवन के लिए एक अच्छी जगह साबित हो सके। ‘जय सनातन‘ का अभिप्राय ‘सनातन‘ सिद्धांतो की जय हो, सम्पूर्ण विश्व लाभान्वित हो एवं विश्व में व्याप्त बुराइयों की पराजय हो। ‘वसुधैव कुटुम्बकम् एवं परोपकारः पुण्याय पापाय परपीडनम्‘ जैसे सिद्धांतो को विश्व पटल पर मनन, चिन्तन एवं गंभीर विचार हेतु प्रस्तुत करने का एक प्रयास है जिसमें सेवा-व्रती भाई-बहनों की आवश्यकता है जो इस मिशन में किसी भी रूप में सहयोग कर सकें।